"कामिनी एक अजीब दास्तां"।
कामिनी भाग 5
आकाश को गुरुदेव का पूरा षड्यंत्र समझ में आ जाता है और यह भी पता चल जाता है कि, जिसे वह अपना सबसे बड़ा शुभचिंतक समझ रहा था, वही उसका सबसे बड़ा शत्रु है और उसके दोस्त सौरभ का हत्यारा भी, उसका गुरुदेव ही है।
गुरुदेव के इस विश्वासघात से आकाश अंदर तक टूट जाता है क्योंकि जिस गुरुदेव पर वह सबसे ज्यादा भरोसा कर रहा था वही, सबसे बड़ा विश्वासघाती निकला।
कामिनी आकाश के हृदय के भाव को भाप लेती है और उसकी बहती आंखों से आंसू पोछकर कहती है।
" हम जिस पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं वही हमारी सबसे बड़ी तकलीफ का कारण भी बनता है, जो होना था वह हो चुका, अब सुनहरा भविष्य तुम्हारा इंतजार कर रहा है"।
"मेरा पूरा जीवन अंधकार में बीता है और भविष्य भी अंधकार में डूबता नजर आ रहा है"। आकाश ने हताश भाव से कहा।
"क्या तुम, मुझे अपने भविष्य में जगह दोगे"।
कामिनी ने आकाश का हाथ थाम कर पूछा।
"मुझे, मेरा सारा भविष्य तुम में ही नजर आता है, मैं अंदर से टूट चुका हूं कामीनी, मुझे संभाल लो"। आकाश में समर्पित भाव से कहा
"अगर तुम सच में मुझसे उम्मीदें करते हो तो, मैं, तुम्हारी उम्मीदों पर खरा उतरूंगी और तुम्हारी सारी समस्याएं खत्म कर दूंगी, अपनी आंखें बंद करो"। कामिनी ने आकाश के गालो को छूकर कहा।
कामिनी के इस अनुराग युक्त स्पर्श से आकाश के शरीर में हजारों उमंगे जाग उठती है और वह वशीभूत होकर अपनी आंखें बंद कर लेता है, फिर कामिनी अपने होठों को आकाश के होठों के करीब लाती है, कामिनी की सुगंध युक्त गर्म सांसे आकाश को और उत्तेजित कर देती है और जब कामिनी के कोमल होंठ उसके होंठों को छूते हैं, तो वह सब कुछ भूल जाता है, उसे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वह स्वर्ग में है और किसी दिव्य सुख को भोग रहा है"।
अब ना तो उसके हृदय में संसार है और ना ही संसार की कोई चिंता उसके मन में है, जीवन का इतना सुंदर और स्वतंत्र समय उसने कभी अनुभव नहीं किया था, किसी का स्पर्श इतना सुखद हो सकता है, उसे इसका अंदाजा नहीं था
आकाश के सुख में चार चांद तब लग जाते हैं तब वह कामीनी की कमर को अपनी ओर खींच कर उसे संपूर्ण रूप से अपने आगोश में भर लेता है, जैसे सर्प शीतलता के लिए चंदन के सुगंधित वृक्षों से लिपट जाते हैं, उसी प्रकार परम आनंद के लिए आकाश कामिनी से लिपट जाता है। फिर आकाश अपनी आंखें खोलता है और वह देखता है, जो उसने कभी सपने में भी नहीं देखा था, उसके सामने कामिनी कि वह अद्भुत दुनिया है, जिसमें सब कुछ है पर कारण और प्रश्न नहीं है, चारों और महकते फूल हैं, झरने हैं, अनेक तरह की तितलियां, अनेक तरह के सुंदर पशु पक्षी और स्वर्ण से बना सूर्य की भांति चमकता एक महल।
आकाश यह सब कुछ देख कर आश्चर्य में पड़ जाता है और वह कामीनी से पूछता है
" हम कहां आ गए हैं," यह स्वर्ग है"?
"
इस जगह का कोई कारण नहीं है, इसीलिए इसके बारे में कोई प्रश्न भी उचित नहीं है, बस इतना समझ लो आज से तुम यहां के राजा हो और मैं यहां की रानी हूं, "क्या तुम जीवन भर मेरे साथ यहां रहना चाहोगे"? कामीनी ने पूछा
आकाश सब कुछ भूल चुका है, उसे अपने अतीत के बारे में कुछ भी पता नहीं है और कामिनी की इस मनमोहक दुनिया ने उसके मन को संपूर्ण रूप से मोह लिया है और उसने, अपने आप को ऐसे सोपं दिया है, जैसे परवाना जलती हुई खूबसूरत अग्नि को अपना सब कुछ सौप देता है
फिर आकाश कामिनी को अपनी बाहों में उठाकर महल में चला जाता है।
और इसी घटना के साथ इस कहानी के उस कैरेक्टर (किरदार) की शुरुआत होती है, जिसके बिना यह कहानी कभी पूरी नहीं हो सकती है, सभी कहानिया नायक, नायिका के साथ शुरू होती है या फिर नायक के इर्द-गिर्द होती है पर इस कहानी में इतनी देर बाद नायक की एंट्री हो रही है, इसीलिए तो इस कहानी का नाम "कामिनी एक अजीब दास्तां है।
जब इस कहानी में इतना अजीबपन है तो इस कहानी का नायक साधारण कैसे हो सकता है, इस कहानी का नायक इतना अजीब है, जितना अजीब भी अजीब नहीं है।
चेतन चुड़ैल! नाम का यह किरदार असाधारण बुद्धि, साहस, शातिर दिमाग और विशेष गुण धर्म का धनी है।
चेतन चुड़ैल की बचपन से एक ही ख्वाहिश है कि उसकी मुलाकात किसी चुड़ैल से हो जाए पर आज तक यह उसकी ख्वाहिश पूरी नहीं हुई है, हजारों राते श्मशान ओर कब्रिस्तान में गुजारी, तांत्रिक क्रिया सीखी, बड़े-बड़े तांत्रिकों से मुलाकात की, पर आज तक चुड़ैल से मिलने की ख्वाहिश अधूरी है।
वर्तमान समय में वह सीबीआई ऑफिसर है और लाल टेकरा गांव में जो घटना घटी है, वह केस मिला है, इसे भी इस केस से बड़ी उम्मीदें हैं।
चेतन चुड़ैल की असिस्टेंट पारुल दौड़ती हुई आती है और कहती है
"सर चामुंडा मंदिर के पीछे एक साधु रहता है, लोग कहते हैं, वह रोज रात को चुड़ैलों से बात करता है"!
"तुम्हें कितनी बार समझाया है पारुल! "अपने बाल खुले रखा करो, मुझे चुड़ैल जैसे खुले खुले बाल बहुत अच्छे लगते हैं"। चेतन ने पारुल के बालों की गांठ खोलते हुए कहा
"सॉरी सर! "भूल गई थी"। पारुल ने कहा
ठीक है जब रात को जगना ही है तो, अभी सो जाते हैं, तुम वही सो जाओ, मैं यही सो जाता हूं"। चेतन ने कहा
"सर आज मेरी छोटी बहन का जन्मदिन है, इसके लिए आज मुझे घर पर बहुत काम है, इसलिए मैं नहीं आ पाऊंगी"। पारुल ने कहा
"तभी चेतन एक स्प्रे निकालता है और पारुल के मुंह पर डाल देता है, जिससे पारुल तत्काल बेहोश हो जाती है,
और कहता है "हमेशा चुड़ैलों की गलत खबर लेकर आती है और मेरे साथ चलने में भी बहाने करती है"।
रात के 12:00 बज चुके हैं, चेतन गहरी नींद में सोया है तभी पारुल को होश आता है और वह जोर से चिल्लाते हुए कहती है
"सर आप सच में पागल हो, आपने मुझे बेहोश कर अब तक यहां रोक रखा है, मेरे घर वाले परेशान हो रहे होंगे, मेरे बहन का बर्थडे भी आप के कारण मिस हो गया, मुझे नहीं करना आपके साथ काम, मैं जा रही हुं"। पारुल ने गुस्से में कहा
"रुको तुमने बताया था, तुम दोनों जुड़वा बहने हो और तुम्हारा जन्मदिन 31 जुलाई को आता है, याद है मैंने, तुम्हें स्कूटी गिफ्ट की थी"! चेतन ने कहा
"सॉरी सर! "चलो चुड़ैल के पास चलते हैं"। पारुल ने अपनी भूल स्वीकारते हुए शर्म भाव से कहा
फिर चेतन और पारुल चामुंडा माता मंदिर के पीछे छुप-छुपकर पहुंचते हैं और छुप कर देखते हैं, गुरुदेव अपनी क्रिया आरंभ कर चुके हैं, रात के करीब 2:00 बजे हैं।
चेतन और पारुल देखते हैं गुरुदेव ने चावल के दानों से एक गोल गहरा बना रखा है और उसके अंदर बैठकर गुरुदेव यज्ञ कर रहे हैं, तभी अग्नि में से एक बहुत ही डरावना धुएं की तरह लड़की का साया निकलता है और पूछता है
" मुझे यहां क्यों बुलाया है"?
"मेरा शिष्य आकाश कहां है"? "जाओ और पता करके आओ"। गुरुदेव ने आदेश दिया
वह धुएं का साया चला जाता है पर जाते-जाते वह पारुल के करीब से गुजरता है इसीलिए पारुल जोर से चिल्ला उठती है और बेहोश हो जाती है पर पारुल की आवाज गुरुदेव को भी सुनाई देती और वह इन दोनों के करीब आकर चेतन से पूछते हैं
"कौन हो तुम इतने अजीब"?
चेतन ने आज पहली बार किसी चुड़ैल को देखा है इसीलिए आज उसकी खुशी का ठिकाना नहीं है, इसीलिए उसे गुरुदेव से बड़ा प्रेम हो गया है, उसे समझ आ गया है कि उसकी चुड़ैल से मिलने की आकांक्षा गुरुदेव पूरी कर सकते हैं, इसीलिए वह गुरुदेव को अपने दांत दिखाता है।
चेतन की हरकत देखकर गुरुदेव कहते हैं
"अच्छे दांत है तुम्हारे, में इतनी रात को यहां क्या कर रहे हो"? जवाब दो नहीं तो यही मुर्गा बना दूंगा
चेतन गुरुदेव का करिश्मा थोड़ी देर पहले ही अपनी आंखों से देख चुका है इसीलिए उसे पूरा यकीन है कि गुरुदेव के लिए उसे मुर्गा बनाना कोई बहुत बड़ा काम नहीं है, इसीलिए वह अपना स्प्रे निकालता है और गुरुदेव के मुंह पर डाल देता है।
"
यह क्या बेहुदगी है"। गुरुदेव ने कहा
चेतन फिर गुरुदेव के मुख पर स्प्रे डालता है
"इन सांसारिक वस्तुओं का असर मुझ पर नहीं होता है"? गुरुदेव ने कहा
चेतन फिर स्प्रे निकालकर गुरुदेव के मुख पर डालता है
"रुको तुम्हें अभी मुर्गा बनाता हूं"।
यह कहते ही गुरुदेव वहीं बेहोश हो जाते हैं फिर चेतन पारुल पर पानी डालकर उसे होश में लाता है
पारुल डरी सहमी सी उठती है और देखती है, गुरुदेव बेहोश पड़े हैं।
"गुरुदेव को क्या हुआ"? "यह नीचे क्यों पड़े हैं"? पारुल ने पूछा
"इनको मैंने बेहोश किया है, यह हमारे काम के व्यक्ति हैं इसीलिए मैंने इनको बेहोश किया है, अब चलो इनको उठाकर कार में रखते हैं"। चेतन ने कहा
"सर यह बाबा! बड़े खतरनाक हैं, आपने देखा ना , इन्होंने चुड़ैलों को अपने बस में कर रखा है, हम इनको अपने वश में ज्यादा देर नहीं रख पाएंगे"। पारुल ने चिंतित भाव से कहा
"जितना कह रहा हूं उतना करो, नहीं तो फिर तुम्हें बेहोश करके यही छोड़ जाऊंगा, चलो उठाओ इनको"। चेतन ने कहा
फिर वह दोनों गुरुदेव को उठाकर कार में बैठाते हैं, चेतन गुरुदेव का अपने घर ले आता है और एक कुर्सी से उनके हाथ पैर बांध देता है और उनके मुंह पर पट्टी बांध देता है।
फिर उन पर पानी डालता है, तब गुरुदेव की आंखें खुलती है और वह बड़े गौर से चेतन के अजीब पन को देखते हैं।
चेतन ने पांव में सैंडल पहन रखी है, नीचे पांव से कमर तक अच्छा चमकीला घाघरा पहन रखा है, हाथों में मेहंदी लगी है और एक हाथ में पिस्तौल भी है, बदन पर कोट
और टाई पहन रखी है, कानों में कुंडल है, नाक में नथनी है और माथे पर चंदन का बड़ा गोल तिलक लगा है, उसका यह अजीब रूप देखकर गुरुदेव के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है ।
तभी चेतन कहता है
"
मेरा नाम चेतन चुड़ैल है, मैं सीबीआई ऑफिसर हूं, मेरा बचपन से एक ही सपना है कि कोई चुड़ैल मेरी गर्लफ्रेंड हो, सब कुछ किया पर कभी चुड़ैल से मुलाकात नहीं हुई पर आज, जब आपको चुड़ैल से बात करते देखा तो मजा आ गया, आप किसी चुड़ैल से मेरी सेटिंग करा दो, मैं आपको छोड़ दूंगा"।
चेतन की यह बात सुनकर गुरुदेव फिर मुस्कुराते हैं
तभी वह धुएं की आकृति जैसा चुड़ैल का साया छत फोड़कर गुरुदेव के सामने खड़ी हो जाती है।
यह डरावना दृश्य देख पारुल थरथर कांपने लगती है, पर चेतन उस चुड़ैल के आसपास घूम कर उसे प्रेम पूर्वक निहार रहा है और उसे छूने के लिए अपना हाथ बढ़ाता है, तभी वह चुड़ैल डरावनी आवाज में कहती है ।
"
खबरदार जो मुझे छुआ तो, तुम्हारा सारा खून चूस कर पी जाऊंगी"।
"
ओके जानेमन! "तुम कहती हो तो नहीं छूता हूं पर इतना जरूर कहूंगा, तुम बहुत खूबसूरत हो, मैंने तुमसे खूबसूरत लड़की आज तक नहीं देखी, क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी"? चेतन ने कहा
तभी अपने आप गुरुदेव के हाथ पैर पर बंधी रस्सी टूट जाती है और मुंह पर बंधी पट्टी भी खुल जाती है और गुरुदेव उस चुड़ैल से पूछते हैं
"आकाश कहां है"?
"
आपका शिष्य आकाश लाल टेकरा गांव में कामिनी का गुलाम बन गया है"। चुड़ैल ने जवाब दिया
"
ठीक है! "अब तुम जाओ"। गुरुदेव ने चुड़ैल से कहा
वह चुड़ैल जाने से पहले चेतन की ओर देखती है तभी चेतन उस चुड़ैल की तरफ आंख मारता है और अपने हाथ से फ्लाइंग किस देता है और जब वह उड़कर जाने लगती है, तब उसे टाटा भी करता है।
चेतन का यह पागलपन देखकर पारुल गुरुदेव मन ही मन मुस्कुराते हैं।
इ
से पटाने से कोई लाभ नहीं होगा, क्योंकि इसके पास शरीर नहीं है, अगर तुम कहो तो तुम्हारी असिस्टेंट के शरीर में उसे प्रवेश करा सकता हूं"। गुरुदेव ने व्यंग भाव से कहा
तभी पारुल हाथ जोड़कर गुरुदेव के चरणों में बैठ जाती है और प्रार्थना भाव से कहती है।
" मुझे माफ करो गुरुदेव! "मुझ में इतना साहस नहीं है"।
"
उस काले साऐ ने कहा कि, आपका शिष्य आकाश! "लाल टेकरा गांव में कामिनी का गुलाम बन गया है, लाल टेकरा गांव के बारे में तो मुझे पता है पर यह आकाश और कामिनी कौन है"? "गुरुदेव"। आकाश में तर्कपूर्ण प्रश्न किया
"
आकाश मेरा शिष्य है और कामीनी! "तुम्हारी सभी कामनाओं को पूर्ण करने वाली है, मैंने, तुम्हारी सभी कामनाएं जान ली है, तुम लाल टेकरा गांव जाओ, वहां तुम्हारी सारी इच्छाएं पूरी होगी"। गुरुदेव यह वचन कहकर चले जाते हैं
अगले दिन
चेतन और पारुल अपने केस की इन्वेस्टिगेशन करने के लिए लाल टेकरा गांव पहुंचते हैं, स्टेशन पर चेतन के व्यक्तित्व को देखकर सभी हंसते हैं फिर चेतन केदारनाथ से आकाश के बारे में पूछताछ करता है।
केदारनाथ बताते हैं
"कल आकाश गांव की तरफ गया था, अभी तक वापस नहीं आया है, पुल के पास उसका कमरा है, जहां पर रहता था, यह चाबी लो और देख लीजिए"।
फिर चेतन आकाश के कमरे में छानबीन करता है और कमरे से बाहर आता है और पास में बनी पुल की तरफ देखता है तभी उसके कानों में एक अजीब सी आवाज सुनाई देती है
"
इस पुल को कभी पार मत करना"।
चेतन पलट कर देखता है वह पागल प्रोफ़ेसर उसके सामने खड़ा है
"
क्यों इस पुल को पार करना मना है"? चेतन ने प्रोफ़ेसर से पूछा
"इस पुल के पार कई पिशाचीनीया रहती है, जो 20 साल के युवकों को उम्र भर के लिए अपना गुलाम बना लेती है और जी भर जाने के बाद उनका दिल निकाल कर खा जाती है"। पागल प्रोफ़ेसर ने कहा
"
आपको कैसे पता"? चेतन ने प्रश्न किया
"
लगभग 10 वर्ष पहले में इस गांव का इतिहास जानने के लिए अपने 4 स्टूडेंट के साथ यहां आया था, एक-एक कर मेरे चारों स्टूडेंट्स गायब होने लगे, मैं कई दिनों तक अपने स्टूडेंट से को ढूंढता रहा, फिर 1 दिन जंगल में मुझे वह चारों दिखाई दिए, वह चारों अलग-अलग बैठे थे और बहुत खुश लग रहे थे।
"ऐसा लग रहा था जैसे कोई उनके साथ है पर मुझे कोई दिखाई नहीं दिया, मैंने एक-एक कर चारों से कहा कि चलो घर चलते हैं पर चारों ने घर आने से मना कर दिया, और कहा हमें सब कुछ मिल गया है, अब हम हमेशा यही रहेंगे"।
"मैं उनकी बात सुनकर हैरान रह गया फिर मैंने इस वजह के कारण की खोज शुरू की, तब मुझे पता चलना शुरू हुआ कि, जो भी इस गांव में 20 साल का होता है वह अपना घर बार छोड़कर यहां के जंगलों, खंडहरों और नदी के घाटों पर रहने लगता है और कहता है, मुझे सब कुछ मिल गया, अब मुझे कुछ नहीं चाहिए और एक अजीब बात भले कितनी भी बारिश हो इस नदी का पानी कभी नहीं बढ़ता, ना घटता है, नदी के पानी में से रक्त जैसी बदबू भी आती है"।
"जैसे वह पानी नहीं रक्त हो, और एक खास बात इस गांव के जंगल में कुछ बड़े अजीब पेड़ है, उन पेड़ों के पत्तों पर अजीब आकृति और शब्द लिखें मुझे लगता है उन पत्तों पर यहां का रहस्य छुपा हुआ है"। प्रोफ़ेसर ने कहा
"
मेरा नाम चेतन चुड़ैल है, मैं सीबीआई ऑफिसर हूं, यहां फिल्म इंडस्ट्री के कुछ लोग मारे गए हैं, उनके केस की इन्वेस्टिगेशन के लिए आया हूं, चलो कमरे में चल कर बात करते हैं"। चेतन ने कहा
चेतन उस प्रोफेसर को आकाश के कमरे में ले जाता है और बिठाकर कहता है
"अपनी आंखें बंद करो और सोच कर कोई अजीब बात बताओ"?
"
जैसे ही वह प्रोफेसर अपनी आंखें बंद करता है, चेतन उसकी नाक पर स्प्रे डाल देता है और उसे बेहोश कर देता है।
तभी वहां पारुल आ जाती है और कहती है
"सर आपने इसे बेहोश क्यों किया"?
"
यह हमारे काम का व्यक्ति है इसीलिए इसका जिंदा रहना बहुत आवश्यक है, गांव में इसकी कभी भी जान जा सकती है, इसीलिए मैंने इसे बेहोश कर दिया है, तुम इस पर नजर रखो, मैं गांव में घूम कर आता हूं"।
चेतन पुल पर आता है और उसे अनुभव होता है कि, कोई उसके आसपास है पर वह दिखाई नहीं दे रहा है, तभी चेतन के कानों में एक आवाज सुनाई देती है, बचाओ! बचाओ!
चेतन आवाज की ओर दौड़ कर देखता है कि एक भेड़िया एक लड़की पर हमला कर रहा है, तभी चेतन अपनी पिस्तौल निकालकर उस भेड़िए के सिर में गोली दाग देता है और भेड़िया वहीं ढेर हो जाता है।
उस
भेड़िए को दम तोड़ता देख, वह लड़की बड़े क्रोधित हो जाती है और चेतन पर हमला कर देती है और कहती है
" तुमने मेरे बेटे को क्यों मारा"?
चेतन को इस लड़की की यह हरकत बड़ी अजीब लगती है इसीलिए वह इसके मुंह पर भी स्प्रे डाल देता है और यह लड़की भी बेहोश हो जाती है।
"आखिर क्यों इस लड़की ने भेड़िए को अपना बेटा कहा"?
"कौन है यह चेतन चुड़ैल जो हर किसी को बेहोश कर देता है"?
"क्या चेतन चुड़ैल लाल टेकरा गांव के हर रहस्य को सुलझा पाएगा या खुद ही रहस्य बन जाएगा"?
अपने सभी द्वंद्व और प्रश्न के उत्तर जानने के लिए पढ़ते रहिए
"कामिनी एक अजीब दास्तां"
Ali Ahmad
17-Feb-2022 12:08 AM
वेरी नाइस
Reply
Pamela
16-Feb-2022 07:07 PM
इंटरेस्टिंग स्टोरी है आपकी
Reply
🤫
08-Feb-2022 04:24 PM
काफी बेहतरीन कहानी है आपकी, स्टोरी में काफी रोमांच चल रहा है। चेतन चुड़ैल का किरदार रोमांचक लग रहा है। इंट्रेस्टिंग....
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